A SECRET WEAPON FOR SHIV SHABHAR MANTRA

A Secret Weapon For shiv shabhar mantra

A Secret Weapon For shiv shabhar mantra

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सभी मंत्रों में शाबर मंत्र देवताओं को शीघ्र प्रसन्न करने को अपने मनोरथ की सिद्धि के लिए बहुत प्रभावी माने जाते हैं। शाबर मंत्र कंहा मिलेंगे?

The wealth you may in no way attain in your daily life can now be achieved with the help of the Mantra. It is so impressive that the manifestation capability improves and you will get the precise determine of money you have in the head.

यह जाप सोमवार के दिन,सावन महीने में और शिवरात्रि पर किया जाता है

साधना संकल्प युक्त होकर सम्पन्न करे अर्थात मंत्र जाप से पहले दाहिने हाथ मे जल लेकर संकल्प करें “मैं अमुक गोत्रीय, अमुक पिता का पुत्र और अमुक नाम का साधक जीवन के समस्त दुःखो के नाश हेतु यह साधना सम्पन्न कर रहा हूं ” । जिन्हें गोत्र पता ना हो वह साधक अपने जाति का उच्चारण करे , जिनके पिता का स्वर्गवास हुआ हो वह अपनी माता का नाम ले सकते है या किसी साधक के माता-पिता इस दुनिया मे ना हो तो वह गुरु उच्चारण करे ।

धराधरेंद्रनंदिनी विलासबन्धुबन्धुरस्फुरद्दिगंतसंतति प्रमोद मानमानसे।

साबर मंत्र, अन्य मंत्रों से अलग होते है , यह मंत्र प्राकृतिक भाषा या स्थानीय भाषा में लिखे होते है, जिनका उच्चारण करना आसान होता है, जबकि अन्य सभी हिन्दू मंत्र संस्कृत में होते है जिनको उच्चारण करना मुश्किल होता है।

प्रातः काल और संध्या काल का समय शिव मन्त्र के जाप के लिए उपयुक्त होता है.

मन्त्र ज्यो शत्रु भयो। डाकिनी वायो, जानु वायो।

He disciplined himself by Yoga, self-resolve, and perseverance to get to the condition of Samadhi and spiritual awakening. Considering the fact that his teachings and practices ended up uncomplicated and with no headache, they grew to become highly regarded amid Yogis and especially in Rural India.

Libras persons are suggested to complete puja around the day of Mahashivratri by chanting this mantra as quite a few as instances they could. By chanting this mantra, they will find new methods and new opportunities in everyday life.

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सिद्धि मंत्र

प्रफुल्लनीलपंकजप्रपंचकालिमप्रभा विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌।

आदिनाथ कैलास निवासी, उदयनाथ काटे जम फांसी। सत्यनाथ सारणी संत भाखे, संतोषनाथ सदा संतन की राखे। कन्थडिऩाथ सदा सुख दायी, अचती अचम्भेनाथ सहायी।ज्ञान पारखी सिद्ध read more चौरंगी, मच्छेन्द्रनाथ दादा बहुरंगी।गोरखनाथ सकल घट व्यापी, काटे कलिमल तारे भव पीड़ा। नव नाथों के नाम सुमिरिये, तनिक भस्मि ले मस्तक धरिये। रोग शोक दारिद्र नशावे, निर्मल देह परम सुख पावे। भूत प्रेत भय भञ्जना, नव नाथों के नाम। सेवक सुमिरे चन्द्रनाथ, पूर्ण होय सब काम।

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